2014 जहां शुरू वहीं खतम
|
कुमार शशि/एसएनबी
वाराणसी। नव वर्ष 2014 का पहला और आखिरी दिन बुधवार होगा। यह
संयोग 2003 के बाद
एकबार फिर आया है। यह साल ढेरों खुशियां और थोड़ा गम भी देगा। इस खगोलीय अनूठे
संयोग के बारे पंचांग भी अपनी बात कहने में पीछे नहीं है। पंचांग की मानें तो
अंग्रेजी नव वर्ष का प्रथम और अंतिम दिन का बुधवार होना अति शुभ है। हालांकि नये
साल का प्रवेश चतुग्र्रही योग में होगा, जो अमंगलकारी फल देगा। बावजूद इसके यह
वर्ष सभी के लिए अच्छा बीतेगा। लीप ईयर अपवाद : लीप ईयर यानी चार से भाज्य साल
को छोड़कर हर साल का पहला और आखिरी दिन एक ही होगा। यही नहीं ऐसे किसी भी साल
में जुलाई (एक अतिरिक्त दिन को छोड़कर) और अप्रैल का कैलेंडर एक ही जैसा होता
है। इसी तरह का नाता सितम्बर-दिसम्बर और मार्च-नवम्बर में भी होता है। खगोल
विज्ञान का खेल : पृथ्वी, सूर्य के
चारों ओर एक चक्कर लगाने में 365 दिन यानी एक साल का समय लगाती है। साथ ही एक सप्ताह में सात दिन होते
हैं। इस तरह पूरे साल में 52 सप्ताह हुए और एक दिन अतिरिक्त बचता है। अब अगर यह मान लिया जाए कि किसी
साल की शुरुआत रविवार से हो रही है तो जिस दिन 52 सप्ताह समाप्त होंगे, वह शनिवार होगा। इसके एक दिन बाद
रविवार पड़ेगा, जो साल का
आखिरी दिन होगा। जबकि लीप ईयर में 366 दिन होने के कारण 52 सप्ताह के बाद दो दिन शेष बचता है।
इसलिए लीप ईयर की शुरुआत सप्ताह के जिस दिन से होती है, उसके अगले दिन पर साल खत्म होता है। एक
राशि और चार ग्रह : एक राशि में चार ग्रह तीन दिन तक राज करेंगे। इस बाबत आचार्य
ऋषि द्विवेदी ने बताया कि शास्त्र सम्मत है कि चार या पांच ग्रहों का एक राशि
में होना अशुभ है। इससे जल या खंड पल्रय, मार-काट और जन व धन हानि की संभावना
बनी रहेगी। इसबार नये साल की शुरुआत चतुग्र्रही योग में हो रही है जिसका प्रभाव
मकर संक्रांति तक बना रहेगा। वर्तमान में धनु राशि में सूर्य, बुध और शुक्र विराजमान हैं 31 दिसम्बर को अपराह्न 01:02 बजे चंद्रमा भी प्रवेश कर जायेगा। इनके
प्रवेश के साथ ही चतुग्र्रही योग बनेगा जो दो जनवरी को अपराह्न 03:26 बजे तक रहेगा। बुधवार और अमावस्या :
साल का पहला और आखिरी दिन बुधवार होना अतिशुभ है। चूंकि ये गणोशजी का प्रिय दिन
है, इसलिए
इसदिन उनके दर्शन करने से पूरे साल मंगल ही मंगल होगा। इसके अलावा साल का पहला
दिन अमावस्या से युक्त रहेगा। स्नान-दान और श्राद्ध की पौष कृष्ण अमावस्या तिथि 31 दिसम्बर को रात 07:25 बजे लगेगी जो 1 जनवरी को सायं 05:09 बजे तक रहेगी। ‘चतु ग्र्रही योग’ में होगा नये साल का ‘श्रीगणोश’
साल के पहले दिन स्नान-दान की अमावस्या
|