मन को संवारने पर ध्यान दें

 मन बड़ा चंचल होता है। मन हवा में उड़ता है। मन के हारे हार है मन के जिते जीत, जैसे मुहावरे मन के लिए ही बनाए गए हैं। यह तो आपके ऊपर है कि आप अपने मन में कौन-सी बात संजोते हैं। 

मन में अच्छे-बुरे दोनों तरह के विचार आते हैं। समझदार शख्स अच्छे विचारों में मन रखता है और बुरे विचारों को मन से निकाल देता है। मन की सफाई हमें वैसे ही करनी चाहिए जैसे घर की सफाई की जाती है। 

जैसे घर को सजाने में ध्यान देते हैं, मन को सजाने में भी दें। अक्सर घर तो सजे रहते हैं, लेकिन मन की संभाल न करने के कारण मन बुरे विचारों और नकारात्मकता से भरा जाता है। अपने मन को घर का स्टोर या कूड़ेदान न बनने दें। 

उसे ध्यान और योग में लगाएं। इससे मन में ताजा, खुशगवार और सक ारात्मक विचारों के लिए जगह बनेगी। जब भी कोई नकारात्मक विचार आए, उसे मन में घर न करने दें, क्योंकि वह एक बुरा विचार पूरे मन पर हावी होकर आपको दुखी कर देगा।