एक बार स्वामी विवेकानंद किसी देश में भ्रमण कर रहे थे। अचानक, एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने देखा पुल पर खड़े कुछ युवाओं को नदी में
तैर रहे अंडे के छिलकों पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा। किसी भी युवक का एक भी
निशाना सही नहीं लग रहा था।
तब उन्होंने एक युवक से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे।
उन्होंने अंडे पर पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा, फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 10 निशाने लगाए। सभी
बिलकुल सटीक लगे, ये देख युवक दंग रह गए और उन्होंने पूछा
स्वामी जी, भला आप ये कैसे कर लेते हैं? आपके सारे निशाने बिलकुल सटीक कैसे लग गए?
स्वामी विवेकनन्द जी बोले असंभव कुछ भी नहीं है, तुम जो भी कर रहे हो अपना पूरा दिमाग उस समय उसी एक काम में लगाओ। अगर तुम
किसी चीज पर निशाना लगा रहे हो तो तुम्हारा पूरा ध्यान सिर्फ अपने निशाने के
लक्ष्य पर होना चाहिए। तब तुम अपने लक्ष्य से कभी चूकोगे नहीं।
सोशल मीडिया से