वाराणसी (एसएनबी)। फेफड़ों में संक्रमण के चलते भी सीने में दाहिनी ओर तेज दर्द हो सकता है। सीने में दर्द की शिकायत का यह मतलब नहीं कि व्यकित को दिल का दौरा पड़ गया इसके और भी कारण हो सकते हैं। गंदगी के चलते अमेबिक लीवर ऐप्सिस जैसी जानलेवा बीमारी में सीने में दर्द की शिकायत होती है। कूड़े की ढ़ेर पर बसे मुहल्लों में रहने वाले लोग दूषित जल व संक्रमित भोजन के चलते इस बीमारी के आसान शिकार होते हैं। यह बीमारी वैक्टेरिया से उपजे डायरिया व डिसेन्ट्री तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे जान को भी खतरा है। अमेबिक लीवर ऐप्सिस की समस्या खासकर टीबी रोग से ग्रसित मरीजों में देखी जाती है लेकिन प्रदूषण के चलते यह सामान्य लोगों में भी दिख रही है। टीबी की वजह से फेफड़े में संक्रमण सामान्य बात है लेकिन दूषित जल व भोजन की वजह से फेफड़े की झिल्ली में एम्पाइमा चौकाने वाली बात है यह जानलेवा बीमारी मानी जाती है। इस प्रकार होता है संक्रमण : दूषित जल व भोजन पेट के रास्ते अमाशय, छोटी आंत से होते हुए बड़ी आत तक पहुंच कर बीमारी फैलाता है। कुछ वैक्टीरिया मल के रास्ते निकल जाते है लेकिन यहीं से कुछ रक्त के सहारे लीवर में पहुंच कर संक्रमण फैलाते हैं। अमेबिक हेपेटाइटिश यानी लीवर में सूजन होने लगता है और मरीज का पेट फूल जाता है। लीवर में पल रहा संक्रमण का गोला फेफड़ों की झिल्ली में पहुंचकर फट जाता है जिसके चलते मरीज की मौत भी हो सकती है। इस रोग का उपचार बिना आपरेशन के महज दवाईयों से किया जाता है। जांच से चलता है पता : रोग का निर्धारण एक्स-रे व अल्ट्रासोनोग्राफी की रिपोर्ट से की जाती है। पूर्व मे इस तरह के मरीजों की जान बचानी मुश्किल थी लेकिन इलाज की आधुनिकतम तकनीक के बल पर समय रहते उचार करने से इस तरह के मरीजों की जान बचायी जा सकती है। दूषित जल व संक्रमित भोजन से होती यह बीमारी |