कमजोरियों को ताकत में बदलने से जीवन सुखमय बन जाता है
अपनी वहंगी के दोनों छोरों पर
एक-एक घड़ा लटकाए पनिहार रोज एक ही रास्ते पर चलता हुआ घर-घर पानी पहुंचाता था।
उसके एक घड़े में दरार आ गई थी। दूसरा ठीक था। परिणामस्वरूप रास्ते पर पानी रिसता
रहता और वह हर एक घर में केवल डेढ़ घड़ा पानी ही पहुंचा पाता था। हर रोज यह कहानी
दोहराई जाती थी।
रिसता घड़ा शर्मिंदा होता रहता और साबुत वाला इतराता रहता। एक दिन
दुखी घड़े ने मालिक से कहा, ‘‘मेरी वजह से आप की कितनी मेहनत रोज बेकार जाती है।
मैं कितना अभागा हूं।’’ पनिहारे ने उसे तसल्ली देते हुए कहा,
‘‘अपनी तरफ के रास्ते पर खिले फूलों पर नजर डालो। देखो ये फूल दूसरी
ओर नहीं हैं।
मुझे तुम्हारे उस दोष का पता है। मैंने उसका लाभ उठाया। तुम्हारी ओर
वाले रास्ते पर फूलों के बीज डाल दिए। तुम सिर्फ पानी ही नहीं बहाते, हर रोज इन्हें सींचते भी हो। तब से मैं इन फूलों से लोगों के घरों को
सजाता हूं।’’ विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना
लेने और अपनी कमजोरियों को ताकत में बदल देने की कला जीवन को सुखमय बना देती है।
यदि हम अपने दोषों को स्वीकार करके उन्हें उपलब्धियों में बदलना सीख
लें तो जीवन के रास्ते सुंदर और सुगम बन सकते हैं। जिंदगी के रास्ते धूप और छाया
से भरे हैं। इसमें उजाला भी है, अंधेरा भी और धुंधलका भी।
अंधकार की ओर देखते रहने से रोशनी पाने से चूक जाएंगे। इसलिए इस
रास्ते की ऊंच-नींच में जो-जो सुंदर और सुखमय घटा है उसको याद रखें। ईश्वर हमें हर
तरह-तरह से आजमाता है। वह हमारी कमजोरियों को उजागर करता है, ताकि हम उन्हें स्वीकार करें और ताकत में बदल सकें।
मुझे तुम्हारे उस दोष का पता है। मैंने उसका लाभ उठाया। तुम्हारी ओर
वाले रास्ते पर फूलों के बीज डाल दिए। तुम सिर्फ पानी ही नहीं बहाते, हर रोज इन्हें सींचते भी हो। तब से मैं इन फूलों से लोगों के घरों को
सजाता हूं।’’ विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना
लेने और अपनी कमजोरियों को ताकत में बदल देने की कला जीवन को सुखमय बना देती है।
यदि हम अपने दोषों को स्वीकार करके उन्हें उपलब्धियों में बदलना सीख
लें तो जीवन के रास्ते सुंदर और सुगम बन सकते हैं। जिंदगी के रास्ते धूप और छाया
से भरे हैं। इसमें उजाला भी है, अंधेरा भी और धुंधलका भी।
अंधकार की ओर देखते रहने से रोशनी पाने से चूक जाएंगे। इसलिए इस
रास्ते की ऊंच-नींच में जो-जो सुंदर और सुखमय घटा है उसको याद रखें। ईश्वर हमें हर
तरह-तरह से आजमाता है। वह हमारी कमजोरियों को उजागर करता है, ताकि हम उन्हें स्वीकार करें और ताकत में बदल सकें।