गीतकार अनजान के नाम पर बनेगी सड़क
बुधवार, 27 नवंबर 2013
वाराणसी।
खई के पान बनारस वाला...,
ओ साथी रे तेरे
बिना भी क्या जीना... जैसे गीतों के रचनाकार अनजान के नाम पर सड़क बनाने की योजना
तैयार की गई है। खास बात यह है कि अनजान के गांव जाने वाली सड़क ही अब उनके नाम पर
होगी। यह फैसला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिया है। बुधवार को इस सड़क के
लोकार्पण अवसर पर हिंदी सिनेमा के जानेमाने गीतकार और अनजान के पुत्र समीर भी
मौजूद रहेंगे।
हर
होठों पर गुनगुनाए जाने वाले अनजान के गीतों पर भला कौन नहीं झूमा होगा। लावारिस, नमक हलाल, शराबी जैसी सुपरहिट फिल्मों में अनजान
के लिखे गीतों को सुनकर आज भी लोगों के कदम ठिठक जाते हैं। फिल्म डॉन में अनजान के
गीत ‘खई के पान बनारस वाला’ और मुकद्दर का सिकंदर के गीत ‘ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना...
की लोकप्रियता इस दौर में भी रत्ती भर कम नहीं हुई है। ऐसे गीतकार के गांव ओदार को
जोड़ने वाली सड़क का नाम अब ‘अनजान
रोड’ होगा। करीब तीन किमी लंबी यह सड़क
मंगारी बाजार से ओदार तक जाएगी। अनजान के नाम पर सड़क बनाने की सरकार की मंजूरी से
उनके पुत्र गीतकार समीर बेहद खुश हैं।
समीर
मंगलवार की शाम अमर उजाला से बातचीत में बेहद भावुक हो उठे। उन्हें उम्मीद ही नहीं
थी कि इतनी जल्दी उनके पिता के नाम पर सड़क बनाने का निर्णय सरकार कर लेगी। समीर
ने बताया कि बीते मार्च महीने में हिंदू-उर्दू साहित्य एकेडमी का पुरस्कार गवर्नर
के हाथों लेने जब मैं गया था, तब
सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। उस समय मैंने अपने गांव की सड़क को पिताजी के
नाम पर करने का आग्रह किया था। इतनी जल्दी फैसला हो जाएगी मुझे उम्मीद ही नहीं थी।
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