समस्याओं के साथ जीने का मंत्र
राजस्थान के किसी शहर में रघुनाथ नामक युवक रहता था। उसका कामकाज अच्छा चल रहा था, फिर भी वह खुश नहीं था। अपनी जानी-अनजानी समस्याओं के बारे में वह हमेशा सोचता रहता। एक बार एक फकीर का काफिला वहां आया। लोग अपनी समस्याएं लेकर फकीर के पास पहुंचने लगे। रघुनाथ भी अपनी जिज्ञासा लेकर वहां पहुंचा। उसने फकीर से कहा, बाबा, मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूं। हर समय समस्याएं मुझे घेरे रहती हैं। कोई उपाय बताइए। फकीर बोले, बेटा, आज बहुत देर हो गई है। मैं तुम्हें कल इसका समाधान बताऊंगा। मगर क्या तुम मेरा एक छोटा-सा काम करोगे?
जरूर करूंगा, रघुनाथ उत्साह के साथ बोला। बाबा ने तंबू के बाहर बंधे ऊंटों की ओर इशारा करते हुए कहा, हमारे काफिले में सौ ऊंट हैं। इनकी देखभाल करने वाला आज बीमार पड़ गया है। मैं चाहता हूं कि आज रात तुम इनका ख्याल रखो और जब सभी ऊंट बैठ जाएं, तो तुम भी सो जाना। इतना कहकर बाबा अपने तंबू में चले गए।
अगली सुबह बाबा रघुनाथ का हालचाल पूछने पहुंचे। रघुनाथ ने थोड़ा दुखी होते हुए कहा, रात एक पल भी नहीं सो पाया। मैंने बहुत कोशिश की, पर सभी ऊंटों को बैठा नहीं सका। बाबा मुस्कराते हुए बोले, मैं जानता था कि यही होगा। रघुनाथ ने ऐतराज भरे स्वर में पूछा, फिर आपने मुझे ऐसा करने को क्यों कहा?
बाबा बोले, बेटा, कल रात तुमने क्या देखा? यही न कि चाहे कितनी ही कोशिश कर लो, सारे ऊंट एक साथ नहीं बैठ सकते। एक को बिठाओ, तो दूसरा खड़ा हो जाता है। इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे, तो किसी और कारण से दूसरी समस्या खड़ी हो जाएगी। जब तक जीवन है, तब तक समस्याएं बनी रहती हैं। इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो।
-सज्जन सिंह राणा