काफी साल पहले एक शहर में एक बुजुर्ग व्यक्ति रहता था। वह
आंखों से देख नहीं सकता था। लेकिन इसके बावजूद वह रात के अंधेरे में लैंप लेकर
चलता था।
एक रात वह बाहर खाना खाकर अपने
घर जा रहा था। उसके हाथ उस समय भी लैंप था। अभी वह आधे रास्ते ही पहुंचा था कि तभी
कुछ युवा वहां से गुजरे। उन्होंने देखा कि आंख से न देख पाने के बावजूद बुजुर्ग
व्यक्ति ने लैंप पकड़ रखी है। युवाओं ने वहां उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया। उसी
में से एक युवक ने बुजुर्ग से कहा कि जब आपको कुछ दिखाई नहीं देता है तो आपने ये
लैंप क्यों पकड़ रखा है?
इस पर अंधे बुजुर्ग ने कहा कि
हां मैं नहीं देख सकता हूं। लेकिन मैं लैंप लेकर चलता हूं। इसके पीछे यह वजह है कि
अगर मैं लैंप लेकर नहीं चलता तो तुम लोग मुझे अंधा व्यक्ति देखकर धक्का दे देते।
लेकिन मेरे लैंप को देखकर तुम्हें दूर से ही अंदाजा हो गया कि कोई व्यक्ति आ रहा
है और तुम लोगों ने सिर्फ मजाक ही उड़ाया।
बुजुर्ग की यह बात सुनकर सभी
युवक काफी शर्मिंदा हुए। उन्होंने तुरंत बुजुर्ग से व्यवहार के लिए माफी मांग ली