हमारी
सफलता या असफलता बहुत कुछ हमारे फैसलों पर निर्भर करती है। और हमारे फैसले हमारे
सोचने के तरीके पर निर्भर करते हैं। हमारी सोच जितनी ठोस और गहरी होगी, जीवन भी वैसा ही होगा। यह तय करता है कि हम लोगों के साथ
कैसे संवाद करते हैं। सूचनाओं का किस तरह इस्तेमाल करते हैं और विभिन्न
परिस्थितियों में कैसा व्यवहार करते हैं।
करियर की बात हो या दफ्तर की, अकसर हम सभी किसी न किसी क्षेत्र के विशेषज्ञ बनने का
लक्ष्य बनाते हैं। फिर उसमें कुशल हो जाने के बाद एक ऐसी स्थिति आती है, जब हमारी उसके प्रति प्रतिबद्धता कम होने लगती है। धीरे-धीरे
उससे इतर माहौल में असहज होने लगते हैं। यह असहजता हमारे निर्णयों के रूप में
सामने आती है। किसी भी स्थिति में सही निर्णय लिया जाए, इसके लिए कुछ आधारभूत बातों को समझना होगा। कार्यस्थल पर गलत
फैसले बहुत भारी पड़ते हैं। वहां तय समय में सही फैसले लेने के कुछ तरीके आइए जानें
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सामाजिक समझ
सही फैसले लेने के संबंध में हमारी दिक्कत तब शुरू होती है, जब हमें यह स्पष्ट जानकारी नहीं होती कि चीजें काम कैसे करेंगी। सोच-विचार कर सही फैसले ले पाएं, इसके लिए जरूरी है कि आपको अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ सामाजिक समझ भी होनी चाहिए है। यहां आपमें स्वयं को समझने और अपने आसपास के लोगों व चीजों को समझने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। अपनी विचार प्रक्रिया को सही दिशा देने के लिए धैर्य के साथ एक-एक कदम आगे बढ़ाना होगा।
सही फैसले लेने के संबंध में हमारी दिक्कत तब शुरू होती है, जब हमें यह स्पष्ट जानकारी नहीं होती कि चीजें काम कैसे करेंगी। सोच-विचार कर सही फैसले ले पाएं, इसके लिए जरूरी है कि आपको अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ सामाजिक समझ भी होनी चाहिए है। यहां आपमें स्वयं को समझने और अपने आसपास के लोगों व चीजों को समझने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। अपनी विचार प्रक्रिया को सही दिशा देने के लिए धैर्य के साथ एक-एक कदम आगे बढ़ाना होगा।
प्राथमिकताओं की सोचें
हमारे पास हर तरफ की सूचनाओं की भरमार होती है। इन सूचनाओं के ढेर में सही तथ्य को छांटने, मतलब की बातों को चुनने का केवल एक ही तरीका है। इस बात पर पूरी गंभीरता से विचार करें कि क्या मायने रखता है और क्या नहीं। ताकि आप सही फैसले ले सकें, खुद से प्रश्न पूछ सकें।
हमारे पास हर तरफ की सूचनाओं की भरमार होती है। इन सूचनाओं के ढेर में सही तथ्य को छांटने, मतलब की बातों को चुनने का केवल एक ही तरीका है। इस बात पर पूरी गंभीरता से विचार करें कि क्या मायने रखता है और क्या नहीं। ताकि आप सही फैसले ले सकें, खुद से प्रश्न पूछ सकें।
वजह जानने की करें कोशिश
आपकी किसी भी बात या निर्णय के पीछे स्पष्ट वजह नजर आनी चाहिए। इसलिए तर्क के साथ किसी भी चीज के होने की वजह को तलाशने की कोशिश करें। इससे आपका चीजों को लेकर तार्किक दृष्टिकोण बनेगा। यह आपको विभिन्न कारकों के बीच सही संबंध स्थापित करने और आपके विचारों को इस तरह बताने में मदद करेगा कि दूसरे आपके विचारों से सहमत हो सकेंगे।
आपकी किसी भी बात या निर्णय के पीछे स्पष्ट वजह नजर आनी चाहिए। इसलिए तर्क के साथ किसी भी चीज के होने की वजह को तलाशने की कोशिश करें। इससे आपका चीजों को लेकर तार्किक दृष्टिकोण बनेगा। यह आपको विभिन्न कारकों के बीच सही संबंध स्थापित करने और आपके विचारों को इस तरह बताने में मदद करेगा कि दूसरे आपके विचारों से सहमत हो सकेंगे।
नया सीखने की करें कोशिश
कई बार कार्यस्थल पर चीजें स्पष्ट नहीं रहतीं और बदलती भी रहती हैं। वहां बेहतर तरीके से सोचने में सक्षम होने के लिए आपको नए मसलों, आइडिया और समाधानों के बारे में तेजी से सीखने की योग्यता विकसित करनी चाहिए।
कई बार कार्यस्थल पर चीजें स्पष्ट नहीं रहतीं और बदलती भी रहती हैं। वहां बेहतर तरीके से सोचने में सक्षम होने के लिए आपको नए मसलों, आइडिया और समाधानों के बारे में तेजी से सीखने की योग्यता विकसित करनी चाहिए।
दूसरों को समझें
सामाजिक और भावनात्मक समझ को विकसित करना बहुत अहम है, ताकि आप बेहतर रिश्ते बना सकें। जब लोगों से बेहतर रिश्ते बनेंगे, तो आप उनको सही तरीके से समझ पाएंगे। इस तरह आप उनके बारे में सही राय बना पाएंगे। उनकी क्षमताओं का सही इस्तेमाल कर पाएंगे और बेहतर तालमेल के साथ काम कर पाएंगे। निश्चित रूप से, इन स्किल्स को विकसित करना आसान नहीं है, लेकिन इस तरह से धीरे-धीरे अपनी विचार प्रक्रिया को बेहतर बना सकते हैं।
सामाजिक और भावनात्मक समझ को विकसित करना बहुत अहम है, ताकि आप बेहतर रिश्ते बना सकें। जब लोगों से बेहतर रिश्ते बनेंगे, तो आप उनको सही तरीके से समझ पाएंगे। इस तरह आप उनके बारे में सही राय बना पाएंगे। उनकी क्षमताओं का सही इस्तेमाल कर पाएंगे और बेहतर तालमेल के साथ काम कर पाएंगे। निश्चित रूप से, इन स्किल्स को विकसित करना आसान नहीं है, लेकिन इस तरह से धीरे-धीरे अपनी विचार प्रक्रिया को बेहतर बना सकते हैं।
खुद को समझें
बेहतर तरीके से सोचने के लिए आपका खुद के बारे में जागरूक बनना बहुत अहम है। आपको अपनी क्षमता, मूल्यों को पहचानना होगा और यह भी जानना होगा कि वे सब आपके कार्यों को किस तरह प्रेरित करते हैं। अपनी प्राथमिकताओं को समझें।
बेहतर तरीके से सोचने के लिए आपका खुद के बारे में जागरूक बनना बहुत अहम है। आपको अपनी क्षमता, मूल्यों को पहचानना होगा और यह भी जानना होगा कि वे सब आपके कार्यों को किस तरह प्रेरित करते हैं। अपनी प्राथमिकताओं को समझें।
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