'जो उबरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार'


खुसरो दरिया प्रेम का सो उल्टी वाकी धार,
जो उबरा सो डूब गया, जो डूबा वो पार ..


जब कोई सफल व्यक्ति कामयाबी की सीढ़ियां तेजी से चढ़ रहा होता है लोग उसकी प्रशंसा करते नहीं थकते। लेकिन जब उस व्यक्ति के सफलता के पीछे की कहानी जानेंगे तो पाएंगे वह इसलिए तेजी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि अपने काम में डूबा हुआ है। यहां डूबने का मतलब सतत लगन से है।
भारतीय इतिहास में महान साहित्यकार और उर्दू के जनक अमीर खुसरो ने आज से करीब 700 साल पहले ही सफलता राज बता दिया था। खुसरो ने लिखा था कि जो उबरा यानी पूरी तरह से अपने काम मन नहीं लगाया वह डूब गया यानी असफल हो गया और जो डूबा यानी जिसने काम में गहराई से मन लगाया वह पार यानी सफल हो गया।
यह बात अलग है कि उन्होंने ईश्वर को पाने में सफल होने के लिए उसके प्रेम में डूबने की बात की थी। लेकिन सच्चाई यह है कि किसी भी क्षेत्र में आपको सफलता तभी मिलेगी जब आप उसमें काम में पूरी तरह से डूब जाएंगे। यानी उस काम के प्रति आपकी लगन इतनी ज्यादा हो कि उसके अलावा आपको कुछ भी दिखाई न दे।
सफलता पर किसी भी विद्वान की टिप्णी देखें या सुनेंगे तो पाएंगे कि वह सफल होने के लिए आपको परिश्रम, लगन और अनुशासन ही बताएगा। लेकिन वास्तव में सफलता आपको तभी मिलती है जब यह लगन खुसरों के डूब जाने वाले लगन में बदल जाता है। खुसरो का यह सफलता का नियम (डूबने वाला नियम) हर काम और क्षेत्र में लागू होता है।