सबसे खास हैं आप
मेरे एक मित्र ने अपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे रंग का पैकेट निकाला। उसने कहा कि 'ये कोई साधारण पैकेट नहीं है...!' उसने पैकेट खोला और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।
उसने कहा, 'ये हमने लिया था 8-9 साल पहले। हम पहली बार न्यूयॉर्क गए थे। उसने ये साड़ी कभी पहनी नहीं, क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी।' उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया। उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी।
उसने रोते हुए मेरी ओर देखा और कहा,'किसी भी खास मौके के लिए कभी कुछ बचा के मत रखना, जिंदगी का हर दिन खास होता है, कल का कुछ भरोसा नहीं है।'
मुझे लगता है कि उसकी इन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी। अब मैं किसी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता। अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताता हूं। काम का तनाव भी कम लेता हूं। मुझे समझ आ चुका है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है, डर-डर के, रुक-रुक के, बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे निकल जाता है और हम पिछड़ जाते हैं।
अब मैं कुछ भी बहुत संभाल-संभाल कर नहीं रखता। हर एक चीज का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भर के करता हूं। अब मैं घर के शोकेस में रखी महंगी क्रॉकरी का हर दिन उपयोग करता हूं। अगर मुझे पास के मार्केट में या नजदीकी मॉल में नए कपड़े पहनकर जाने का मन है तो मैं जाता हूं। अपने कीमती परफ्यूम को विशेष मौकों के लिए बचा के नहीं रखता। मैं उन्हें जब मर्जी आए, तब उपयोग करता हूं।
एक दिन, किसी दिन, कोई खास मौका, जैसे शब्द मेरी डिक्शनरी से गायब होते जा रहे हैं...! अगर कुछ देखने, सुनने या करने लायक है, तो मुझे उसे अभी देखना, सुनना या करना है।
मुझे नहीं पता कि मेरे दोस्त की बीवी क्या करतीं, अगर उन्हें पता होता कि वह अगली सुबह नहीं देख पाएंगी।
शायद वह अपने करीबियों को बुलातीं, शायद वह पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती की बातें करतीं।
अगर मुझे पता चले कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मैं इन बातों के लिए अफसोस करूंगा।
नहीं...इन इच्छाओं को तो मैं आज भी बड़े आराम से पूरा कर सकता हूं।
अब करने लगा हूं, क्योंकि हर दिन, हर घंटा, हर मिनट, हर पल विशेष है, खास है...बहुत खास है।
मेरे एक मित्र ने अपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे रंग का पैकेट निकाला। उसने कहा कि 'ये कोई साधारण पैकेट नहीं है...!' उसने पैकेट खोला और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।
उसने कहा, 'ये हमने लिया था 8-9 साल पहले। हम पहली बार न्यूयॉर्क गए थे। उसने ये साड़ी कभी पहनी नहीं, क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी।' उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया। उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी।
उसने रोते हुए मेरी ओर देखा और कहा,'किसी भी खास मौके के लिए कभी कुछ बचा के मत रखना, जिंदगी का हर दिन खास होता है, कल का कुछ भरोसा नहीं है।'
मुझे लगता है कि उसकी इन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी। अब मैं किसी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता। अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताता हूं। काम का तनाव भी कम लेता हूं। मुझे समझ आ चुका है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है, डर-डर के, रुक-रुक के, बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे निकल जाता है और हम पिछड़ जाते हैं।
अब मैं कुछ भी बहुत संभाल-संभाल कर नहीं रखता। हर एक चीज का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भर के करता हूं। अब मैं घर के शोकेस में रखी महंगी क्रॉकरी का हर दिन उपयोग करता हूं। अगर मुझे पास के मार्केट में या नजदीकी मॉल में नए कपड़े पहनकर जाने का मन है तो मैं जाता हूं। अपने कीमती परफ्यूम को विशेष मौकों के लिए बचा के नहीं रखता। मैं उन्हें जब मर्जी आए, तब उपयोग करता हूं।
एक दिन, किसी दिन, कोई खास मौका, जैसे शब्द मेरी डिक्शनरी से गायब होते जा रहे हैं...! अगर कुछ देखने, सुनने या करने लायक है, तो मुझे उसे अभी देखना, सुनना या करना है।
मुझे नहीं पता कि मेरे दोस्त की बीवी क्या करतीं, अगर उन्हें पता होता कि वह अगली सुबह नहीं देख पाएंगी।
शायद वह अपने करीबियों को बुलातीं, शायद वह पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती की बातें करतीं।
अगर मुझे पता चले कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मैं इन बातों के लिए अफसोस करूंगा।
नहीं...इन इच्छाओं को तो मैं आज भी बड़े आराम से पूरा कर सकता हूं।
अब करने लगा हूं, क्योंकि हर दिन, हर घंटा, हर मिनट, हर पल विशेष है, खास है...बहुत खास है।
साभार हिदुस्तान