असफलता हमारी जिंदगी में स्पीड ब्रेकर का काम करती है


असफलता हमारी जिंदगी में स्पीड ब्रेकर का काम करती है। जिस तरह गाड़ी को हमेशा एक समान गति में चलाना असंभव है, उसी तरह जीवन भी एक समान गति से नहीं चलता। उतार-चढ़ाव इस जीवन के अनिवार्य अंग हैं, जिनका सामना न चाहते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति को करना ही पड़ता है।
कुछ व्यक्ति असफलता से हिम्मत हार बैठते हैं, तो कुछ असफल होकर सफलता का ऐसा नया इतिहास रचते हैं कि उनका नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित हो जाता है। महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडीसन, स्टीफन हॉकिंग और हेलेन केलर आदि इसके उदाहरण हैं। थॉमस अल्वा एडीसन ने तो अपनी हर असफलता को स्पीड ब्रेकर की तरह ही लिया। उनका कहना था कि 'मैं सात सौ बार असफल नहीं हुआ। मैं एक बार भी असफल नहीं हुआ। मैं यह सिद्ध करने में सफल रहा कि वे सात सौ तरीके सही नहीं थे। जब मैंने उन रास्तों को नष्ट किया, तो मुझे वह रास्ता मिला जो मंजिल तक ले गया। असफलता के स्पीड ब्रेकर को पार करके ही थॉमस अल्वा एडीसन बिजली के बल्ब का आविष्कार कर पाए। इसके साथ ही ब्लेड बनाने वाले जिलेट ने भी असफलता को केवल एक स्पीड ब्रेकर की तरह ही लिया था। वह कुछ देर रुके और फिर अपने रास्ते की ओर बढ़ चले।
आखिर उस स्पीड ब्रेकर को पार कर उन्हें अपनी मंजिल प्राप्त हुई। असफलता केवल कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा है, जिसे धैर्य, बुद्धि और सतर्कता से दूर किया जा सकता है। प्रसिद्ध लेखिका व समाजसेवी हेलन केलर का कहना था कि 'अवरोध असफलता नहीं हैं, बल्कि आपकी सफलता के मापदंड हैं। जब आप अवरोधों का निडरता से सामना कर सफल हो जाएंगे तो आपको इन्हीं अवरोधों और असफलता से जूझने में आनंद आएगा। यदि असफलता रूपी स्पीड ब्रेकर आपने अपने जीवन में पार नहीं किए तो सफलता तक पहुंचना असंभव है। अल्फ्रेड आरमंड मोंटापर्ट असफलता के स्पीड ब्रेकर से न डरने की सलाह देते हुए कहते हैं कि 'बहुसंख्यक लोग बाधाओं को देखते हैं, सिर्फ चंद लोग ही लक्ष्यों पर नजरें टिकाए रखते हैं। इतिहास बाद वालों की सफलताएं दर्ज करता है और पहले वालों को भुला देता है।
साभार दैनिकजागरण